Time Out Rule in Cricket: क्या है टाइम? क्रिकेट कब से आया टाइम आउट का नियम? जानें और समझे पूरा टाइम आउट नियम

Time Out Rule in Cricket in Hindi:  टाइम आउट… टाइम आउट… टाइम आउट… ये शब्द पिछले करीब 24 घंटों से हर किसी की जुबां पर चढ़ा हुआ है। इस शब्द को इन 24 घंटों में हजारों-लाखों बार देखा या सुना जा चुका होगा। क्रिकेट सर्किट में सोमवार शाम से ही टाइम आउट की गूंज सुनाई दे रही है।

जब से आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 के श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खेले गए 38वें मैच श्रीलंका के दिग्गज खिलाड़ी एंजेलो मैथ्यूज को बिना कोई गेंद खेले आउट करार देकर वापस पैवेलियन भेज दिया, उसके बाद से इस तरह से आउट ने क्रिकेट जगत में बवाल खड़ा कर दिया है।

Time Out Rule
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क्या है टाइम आउट? कैसा रहा है टाइम आउट का इतिहास?

What is Time Out Rule in Cricket in Hindi: एजेंलो मैथ्यूज को इस मैच में ज्यादा समय लेने के चलते आउट करार दिया, जिसके बाद से ही बड़ा विवाद खड़ा होता जा रहा है। टाइम आउट के रूप में एंजेलो मैथ्यूज 146 साल के इंटरनेशनल क्रिकेट इतिहास में आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने।

टाइम आउट के तहत आउट होने के बाद से हर कहीं गली-नुक्कड़, गांव-शहर, में ये शब्द हर क्रिकेट प्रेमी के बीच चर्चित शब्द बन चुका है, लेकिन आखिर ये टाइम आउट बला क्या है, इस नियम को कब से क्रिकेट जगत में देखा गया, कैसे इस नियम का इस्तेमाल होता है और अब तक इसका कैसा इतिहास रहा है सबकुछ जानते हैं हमारी इस खास रिपोर्ट में…

104 साल पहले इंग्लिश काउंटी में दिखा था टाइम आउट का नियम

Time Out Rule History in Hindi: टाइम आउट क्रिकेट में बल्लेबाज के आउट होने के तरीके में सबसे अनोखा नियम कहा जा सकता है। इस नियम को पहली बार करीब एक सदी पहले यानी 104 साल पहले देखा गया था। जब 22 मई 1919 को इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में ससेक्स और सॉमरसेट के बीच मैच खेला जा रहा था।

इस मैच में ससेक्स के बल्लेबाज हारोल्ड हैगेट बल्लेबाजी के लिए समय पर नहीं आ सके तो मैदानी अंपायर्स ने उन्हें टाइम्ड आउट करार दे दिया। हारोल्ड उस समय चोटिल थे और वो लंगड़ाते हुए मैदान में आए, लेकिन अंपायर ने उनकी बात नहीं मानी और टाइम्ड आउट दे दिया। लेकिन तब तक क्रिकेट में ऐसा कोई नियम नहीं बना था।

कब से अस्तित्व में आया टाइम आउट का नियम?

इस नियम की वास्तविक शुरुआत 1980 में हुई। इस साल इंटरनेशनल क्रिकेट में टाइम आउट के नियम को लाया गया। जहां इस बात का ध्यान रखने के लिए लाया गया कि मैदान में मौजूद खिलाड़ियों को नए बल्लेबाज का ज्यादा इंतजार ना करना पड़े। इंटरनेशन क्रिकेट में टाइम आउट से बल्लेबाज बचते रहे, लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इस नियम से पहली बार दक्षिण अफ्रीका के घरेलू क्रिकेट में एख बल्लेबाज आउट हुआ।

ईस्टर्न प्रोविस और ट्रांसवाल के बीच पोर्ट एलिजाबेथ में 1987-88 में एक मैच खेला जा रहा था, जहां ईस्टर्न प्रोविस के बल्लेबाज एन्ड्रू जॉर्डन को देरी से आने की वजह से टाइम आउट करार दिया। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ये 6 बार बल्लेबाजों को पैवेलियन लौटा चुका है।

जिसमें एक भारतीय बल्लेबाज भी शामिल है। 1997 में त्रिपुरा के हेमूलाल यादव उड़ीसा के खिलाफ कटक में खेले जा रहे मैच में टाइम आउट हुए। इस नियम से बल्लेबाज घरेलू क्रिकेट में आउट होते रहे,, लेकिन एंजेलो मैथ्यूज इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार इस तरीके से आउट हुए हैं।

कैसे काम करता है टाइम आउट का नियम

Time Out Rule Time Duration: क्रिकेट की सबसे बड़ी संस्था आईसीसी के नियम 40.1.1 के तहत किसी टीम का विकेट गिरने के बाद 3 मिनट के अंदर नए बल्लेबाज को अगली गेंद खेलने के लिए तैयार रहना होता है। जो तीनों ही फॉर्मेट के लिए लागू किया गया था। इसमें जब कोई बल्लेबाज आउट हो या रिटायर हो तो नए बल्लेबाज को 3 मिनट के अंदर मैदान में आकर खेलने को तैयार रहना होता है।

इसी साल आईसीसी के क्रिकेट नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने इन नियमों में बदलाव किया, जिसमें जून 2023 के बाद से तीनों ही फॉर्मेट में टाइम आउट का नियम अलग-अलग कर दिया। टेस्ट फॉर्मेट में 3 मिनट, वनडे फॉर्मेट में 2 मिनट और टी20 में 90 सैकंड का समय तय किया गया। एंजेलो मैथ्यूज 2 मिनट पूरे होने के कारण नए नियम के तहत आउट करार दिए गए।

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