Yuzvendra Chahal: ‘माही भाई के सामने आते ही मेरी हो जाती थी बोलती बंद’, आखिर युजवेन्द्र चहल ने धोनी को लेकर क्यों कहा ऐसा?

Yuzvendra Chahal:  भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को कईं युवा खिलाड़ियों के करियर को परवान चढ़ाने का श्रेय जाता रहा है। इस दिग्गज खिलाड़ी के साथ भारतीय क्रिकेट टीम को एक से एक युवा खिलाड़ी मिले, जिसमें कईं ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने अपने खेल में जबरदस्त निखार किया और आज टीम इंडिया के लिए अपना बड़ा योगदान दे रहे हैं। इनमें से एक नाम स्टार स्पिन गेंदबाज युजवेन्द्र चहल का भी रहा है।

युजवेन्द्र चहल के करियर में धोनी का रहा है खास योगदान

भारत के लिए लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट में युजवेन्द्र चहल को पिछले कुछ सालों में सबसे बड़े विकेटटेकर के रूप में देखा गया है। इस खिलाड़ी ने इंटरनेशनल करियर में बड़े-बड़े दिग्गजों को अपनी फिरकी में फंसाया है। जिसका लोहा हर कोई मानता है। चहल के करियर को एक खास दिशा लीडेंज कैप्टन महेन्द्र सिंह धोनी ने भी दी, जिसे खुद ये स्पिन गेंदबाज भी मानता है। तभी तो अक्सर ही ये गेंदबाज धोनी की तारीफ में कसीदे पढ़ता रहा है।

Yuzvendra Chahal
Yuzvendra Chahal

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माही भाई के सामने आते ही मेरी बोलती हो जाती है बंद- चहल

कुछ ऐसे ही एक बार फिर से युजवेन्द्र चहल ने धोनी की जमकर तारीफ की है। भारत के इस फिरकी गेंदबाज ने द रणवीर शो में महेन्द्र सिंह धोनी के साथ रिश्तों को लेकर भी बात की। चहल अक्सर ही अपनी सफलता का श्रेय पूर्व कप्तान को देते रहे हैं। इस बार उन्होंने धोनी को लेकर एक बार फिर से बड़ी बात कही है। चहल ने कहा कि, “वह एकमात्र व्यक्ति हैं, उनके सामने आते ही मेरी बोलती बंद हो जाती है। चाहे मेरा मूड कैसा भी हो, मैं ज्यादा उनके सामने नहीं बोलता। मैं बस शांत बैठता हूं और तभी जवाब देता हूं जब माही भाई कुछ पूछते हैं। नहीं तो मैं चुप ही रहता हूं।”

माही भाई मैदान में हमेशा बढ़ाते हैं मेरा आत्मविश्वास

इसके बाद युजवेन्द्र चहल ने आगे धोनी को लेकर दक्षिण अफ्रीका के दौरे की बात साझा की, जिसमें उन्होंने माही की जमकर तारीफ की और कहा कि, 2018 में सेंचुरियन टी20 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैंने 64 रन दे दिए थे। इसके बाद भी माही भाई ने मेरे पर भरोसा दिखाया और उन्हें सांत्वना दी थी।

उन्होंने कहा कि हम सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक टी20 मैच खेल रहे थे। पहली बार, मुझे चार ओवर में 64 रन पड़ेक्लासेन मेरे खिलाफ लगातार रन बना रहे थे। इसलिए उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं राउंड द विकेट गेंदबाजी करूंगा। मैंने कहा ठीक है, लेकिन फिर क्लासेन ने मुझे छक्का मारा दिया।”

मैं वापस जा रहा था तब माही भाई मेरे पास आए और मुझसे कहा, ‘आज तेरा दिन नहीं है, कोई बात नहीं..लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि “मेरे पास जो पांच गेंदें बची हैं, मुझे कोशिश करनी चाहिए और उन पर बाउंड्री नहीं लगानी चाहिए क्योंकि इससे टीम को मदद मिलेगी।”

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