WTC FINAL 2023: आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में भारतीय क्रिकेट टीम को एक बार फिर से निराशा का सामना करना पड़ा है। रोहित शर्मा एंड कंपनी लगातार दूसरी बार टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थी, लेकिन यहां ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया और 209 रनों से करारी शिकस्त दे डाली और लगातार दूसरा फाइनल मैच हारने पर मजबूत कर दिया।
टीम इंडिया की हार के 5 कारण
इंग्लैंड के द ओवल में खेले गए इस मैच में भारतीय टीम से काफी उम्मीदें की जा रही थी। टीम इंडिया ने जिस तरह से इस एडिशन के दौरान टेस्ट मैचों में प्रदर्शन किया, उसे देख तो फाइनल मैच जीतने की संभावना थी, लेकिन यहां रोहित की सेना ने निराश किया। जहां बहुत ही लचर प्रदर्शन से सफलता हासिल नहीं कर सके, तो चलिए आपको बताते 5 वजह हैं, आखिर कैसे टीम इंडिया की इस खिताबी जंग में डूबी लूटिया…

#1. तैयारी में नहीं मिल सका उचित समय
आईसीसी के किसी भी इवेंट से पहले किसी भी टीम को तैयारी के लिए एच अच्छा समय चाहिए होता है। प्रैक्टिस के बिना किसी भी काम में सफलता संभव नहीं है। ऐसे में जब भारतीय टीम का फरवरी में ही आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच खेलना तय हो गया था और इसकी तारीख भी तय हो चुकी थी, तो बड़े खिलाड़ियों को आईपीएल के दौरान मैचों में ब्रेक लेना चाहिए था, जिससे आप अपने आप को तैयार कर सकते थे। आईपीएल का फाइनल मैच 30 मई को खत्म हुआ और इसके करीब 8 दिन बाद आप इतने बड़े इवेंट का फाइनल मैच खेलेंगे, जहां आपको तैयारी के लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिल सका। खुद कप्तान रोहित ने भी माना कि तैयारी के लिए 20-25 दिन जरूरी हैं, तो कहीं ना कहीं तैयारी में उचित समय नहीं मिल सका।
#2. टॉस जीतने के बाद पहले फील्डिंग का फैसला
टेस्ट क्रिकेट में हमेशा ही माना गया है कि चौथे या पांचवें दिन यानी चौथी पारी में बल्लेबाजों के लिए खेलना बहुत ही मुश्किल होता है। जहां पहले 3 या 4 तक यूज पिच पर काफी क्रेक्स आ जाते हैं, जिससे संभवतः गेंदबाज हावी रहते हैं। ऐसे में जब भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग का फैसला किया तो उन्हें चौथी पारी खेलनी ही थी, यहां अब टीम को कुछ स्पेशल करने की जरूरत थी। भारत ने यहीं पर चूक कर दी जिन्होंने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग कर ऑस्ट्रेलिया को 469 रन बनवा डाले इसके बाद मैच में वापसी करना मुश्किल हो गया और हार में एक बड़ी वजह साबित हुआ।
#3. विराट,पुजारा और रोहित जैसे दिग्गजों ने नहीं दिखाया इंटेंशन
भारतीय क्रिकेट टीम इस टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में बहुत ही बेहतरीन बल्लेबाजी और गेंदबाजी यूनिट के साथ मैदान में उतरी थी। टीम के पास विराट कोहली, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे अपार अनुभव वाले बल्लेबाज थे। इनमें दोनों ही पारियों में कुछ लड़ने का इरादा केवल रहाणे ही दिखा सके। बाकी विराट, पुजारा और रोहित ने बहुत ही निराश किया। इस मैच में रोहित ने 15 और 43 रन, पुजारा ने 14, 27 रन और कोहली ने 14, 49 रन बनाए। तीनों ही बड़े बल्लेबाज इस मैच में दोनों पारियों में मिलाकर लड़ने का इंटेशन ही नहीं दिखा सके। इस कारण एक करारी हार हुई।
#4. पहली पारी में टॉप-ऑर्डर का निराशाजनक प्रदर्शन
इस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रनों का स्कोर बना डाला, ऐसे में भारतीय टीम के टॉप-ऑर्डर का खेलना बहुत ही जरूरी था। भारत के पास टॉप-ऑर्डर में नामी बल्लेबाज थे, जो यहां कम से कम 350 से 400 रन तक टीम के स्कोर को पहुंचा सकते थे, लेकिन यहां उन्होंने निराश किया। पहली पारी में शुरुआती 4 बल्लेबाजों ने काफी खराब प्रदर्शन किया, जिसमें शुभमन गिल 13 रन, रोहित शर्मा 15 रन, विराट कोहली 14 रन और चेतेश्वर पुजारा भी 14 रन ही बना सके, यानी ये 4 बड़े नाम 60 रन भी नहीं जोड़ सके।
#5. दूसरी पारी में बल्लेबाजों का खराब शॉट सिलेक्शन
क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में बल्लेबाजों का शॉट सेलेक्शन काफी मायने रखता है, किस गेंद को किस दिशा में कैसे खेलना है, ये बहुत ही जरूरी बन जाता है। खासकर टेस्ट क्रिकेट में जहां आपको क्रीज पर समय बिताना होता है, वहां पर शॉट सिलेक्शन के वेल्यू बढ़ जाती है। लेकिन टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मैच में यही गलती कर दी। यहां दूसरी पारी में कईं बल्लेबाजों ने खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया। जिससे टीम को एक करारी हार के रूप में कीमत चुकानी पड़ी। दूसरी पारी की बात करें तो कप्तान रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे के साथ ही विकेटकीपर केएस भरत ने खराब शॉट सेलेक्शन से अपना विकेट खोया है।