ICC Women’s World Cup 2025: भारत की मेजबानी में आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप का आगाज हो चुका है। 30 सितंबर से इस वर्ल्ड कप की रणभेरी बज चुकी है, लेकिन पहले ही मैच में भारतीय महिला क्रिकेट टीम अनहोनी की शिकार हो जाती, लेकिन एक कारपेंटर पिता की बेटी ने इतिहास रचते हुए अनहोनी को टाल दिया।
भारतीय महिला टीम ने वर्ल्ड कप में जीत से किया आगाज
जी हां… वर्ल्ड कप की मेजबान टीम इंडियन वूमेंस क्रिकेट टीम को यहां सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। लेकिन श्रीलंका महिला टीम के खिलाफ खेले गए पहले ही मैच में इस टीम की पावरफुल बैटिंग यूनिट में स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, जेमिमा रोड्रिग्स और प्रतिका रावल जैसी सभी स्टार बैटर फ्लॉप रही, लेकिन नंबर-8 पर खेलने आई कारपेंटर की बेटी अमनजोत कौर ने एक शानदार और यादगार पारी खेलकर भारतीय महिला टीम को पहले मैच में किसी उलटफेर से बचा लिया। और डकवर्थ-लुईस नियम के तहत भारतीय महिला टीम ने 59 रन से मैच अपने नाम किया।
कारपेंटर की बेटी ने दिलायी भारतीय टीम को जीत
भारतीय महिला टीम का पहला मैच गुवाहाटी में श्रीलंका महिला टीम के साथ खेला गया। इस मैच में हरमनप्रीत कौर की सेना पहले बल्लेबाजी करने उतरी और बारिश से प्रभावित 47 ओवर के मैच में एक वक्त टीम ने सिर्फ 124 रन के स्कोर पर ही 6 विकेट गंवा दिए। लेकिन इसके बाद नंबर-8 पर अमनजोत कौर खेलने आयी और उन्होंने 56 गेंद पर बेहतरीन 57 रन की पारी खेली और दीप्ति शर्मा के 53 रनों के साथ 103 रन की साझेदारी कर टीम को 47 ओवर में 8 विकेट पर 269 रन के स्कोर तक पहुंचाया।
अमनजोर कौर ने 8वें नंबर पर खेली 57 रन की पारी
इसके बाद श्रीलंका महिला टीम 45.4 ओवर में 211 के स्कोर पर ही ढेर हो गई और भारतीय महिला टीम ने मैच को डकवर्थ-लुईस नियम के तहत 59 रनों से जीत लिया। इस मैच में कारपेंटर की बेटी अमनजोत कौर ने 8वें नंबर पर कमाल किया। वो महिला वर्ल्ड कप में भारत की सरजमीं पर इस नंबर पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बैटर बनते हुए इतिहास रचा।
अमनजोत कौर की दिलचस्प कहानी
अमनजोत कौर के पिता भूपिंदर सिंह एक कारपेंटर हैं, उन्होंने ही अपनी बेटी को खुद के हाथों से पहला बैट बनाकर दिया था। पंजाब के मोहाली में रहने वाली अमनजोत के पिता खुद अपनी बेटी के क्रिकेट खेलने के शौक से खुश नहीं थे, लेकिन अमनजोत की दादी यानी भूपिंदर की मां ने पूरा सपोर्ट किया। शुरुआत में अमनजोत लड़कों के साथ फुटबॉल, हॉकी और हैंडबॉल जैसे खेल खेला करती थी, फिर क्रिकेट के प्रति रूझान जागा।
