Downfall of West Indies Cricket Team: “वेस्टइंडीज ” दरअसल यह कोई देश नहीं है बल्कि उत्तरी अमेरिका में बसे छोटे छोटे टापुओं को मिलाकर बना है। वेस्टइंडीज ने क्रिकेट खेल को ऐसे खेला जिसने पुरे इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी छाप छोर दी।
वेस्ट इंडीज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वो इकलौती टीम है जिसमें 20 से ज्यादा देशों को रिप्रेजेंट करती है। वेस्टइंडीज वो नाम भी है जिसने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में बादशाहत शब्द को अर्थ देने का काम किया था।
वेस्ट इंडीज (West Indies) विश्व की वो इकलौती टीम भी है। जिसने एकछत्र क्रिकेट में अपनी धाक जमाकर रखी। ऊंचे लम्बे कद के खजूर के पेड़ के माफिक खिलाड़ियों से सजी ये टीम विरोधियों के लिए किसी काल से कम नहीं थी। 70 के दशक में विवियन रिचर्ड्स, गैरी सोबर्स, गार्डन ग्रीनिज, ग्रीफिथ हॉल, क्लाइव लॉयड, मैक्लम मार्शल , माइकल होल्डिंग रोशन कन्हाई जैसे धुरंधर खिलाड़ी जब भी मैदान पर उतरते थे। तो विरोधी टीम पहले ही एक पल के लिए हार स्वीकार कर लेती थी।
Great Fall of West Indies Cricket Explained
इसके बाद दौर बदला और फिर 90 के दशक में इसी टीम ने फिर एक नई पीड़ी तैयार कि जिसमें शिव नारायण चंद्रपाल, क्रिस गेल, ब्रायन लारा, कर्टनी ब्राउन जैसे खिलाड़ियों ने टीम को नई रफ्तार तो दी लेकिन पुरानी जैसी नहीं। साल दर साल वेस्ट इंडीज क्रिकेट कमजोर होती चली गई। मानों दीमक की चपेट में आ गई हो। आज वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम ऐसे दोहराए पर पहुंच गई है कि उसके नसीब में 2023 विश्व कप (ICC Cricket World Cup 2023 India) खेलना भी नहीं लिखा।
इस टीम के लिए यह कोई पहला मौका नहीं है कि वेस्ट इंडीज क्रिकेट किसी आईसीसी टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं है। बल्कि इससे पहले भी ऐसा मौका आया जहां ये टीम आईसीसी टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी है। बात साल 2017 की चैंपियन ट्राफी की है जब ये टीम इस टूर्नामेंट से बाहर हो गयी थी।
जिस दौर में इस टीम के लिए क्रिकेट में जीत बाएं हाथ का खेल थी। आज वही टीम अपने अस्तित्व के इतिहास को देखकर शर्मीदा है। आखिर क्या वजह है कि वेस्ट इंडीज की टीम अर्श से फर्श तक कैसे पहुंच गई। चलिए जानते है आज के इस महत्वपूर्ण आर्टिकल के जरिए।
क्वालीफायर मैचों में क्या हुआ
Great Fall of West Indies Cricket: क्रिकेट की वो टीम जिसके पास आईसीसी के 4 खिताब हो , वो टीम क्वालीफायर मैचों में फिसड्डी टीमों के आगे नतमस्तक कैसे हो गई। चलिए पहले बात करते है कि क्वालीफायर मैचों में वेस्ट इंडीज के साथ क्या हुआ। दरअसल जिम्बाब्वे में क्वालिफायर मैच खेले जा रहे है। जहां से दो टीमें निकलकर आईसीसी 2023 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करेंगी। वेस्ट इंडीज टीम ने अपने चार मैचों में दो मैच गवां दिया।
उसे मेजबान जिम्बाब्वे और नीदरलैंड ने हराया। जो ज्यादा इंटरनेशनल मैच नहीं खेलती और वेस्ट इंडीज के आगे ये बहुत कमजोर टीम है। उधर वेस्ट इंडीज को जीत मिली तो सिर्फ यूएसए और नेपाल के खिलाफ। बस यहीं से वेस्ट इंडीज टीम पर ग्रहण लग गया। टीम का प्रदर्शन इतना शर्मनाक था कि पूर्व दिग्गज खिलाड़ी भी इस प्रदर्शन से हैरान थे और वेस्ट इंडीज टीम का 2023 विश्व कप खेलने का सपना टूट गया।
बाहर होने की मुख्य वजह क्या है
वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम के हार के मुख्य वजह निम्न है।
गेम सेंस की कमी
वेस्ट इंडीज टीम में कई ऐसे खिलाड़ी है जिनमे गेम सेंस की कमी दिखती है। यही बात इनके हालिया खेल में भी दिखा। वेस्ट इंडीज के टीम यह समझ ही नहीं पाई की उसे अटैक कब करना है और डिफेंस कब करना है। साथ ही विपक्षी टीमों के खिलाफ कमजोर रणनीति और साधारण सा खेल टीम की बर्बादी की वजह बनी।
कई मैचों में देखा गया कि खिलाड़ी लम्बे शॉट खेलने के चक्कर में आउट होते चले गए। जबकि टीम को जरूरत थी विकेट बचाने की। लेकिन ऐसा नही हुआ। टीम ने अपना स्वाभाविक खेल नहीं दिखाया। वहीं विरोधी टीम समझ गई जब जब ये बड़े शॉट खेलेंगे विकेट आयेगा। यही गलती भारी पड़ गई। गेंदबाजों में ना लाइन दिखी और ना ही लेंथ। गेंद का टप्पा जहां रखना चाहिए उससे विपरीत ही गेंदबाजी हुई।
खिलाड़ियों की अनुपस्थित
West Indies Cricket टीम में कई ऐसे खिलाड़ी रहे है जिन्होंने देश के लिए खेलने की बजाय फ्रेंचाइजी क्रिकेट को तरजीह दी। अपनी जेबें भरना कोई इनसे सीखें। पिछले कुछ सालों में बाईलेट्रल सीरीज में अहम खिलाड़ियों का ना होना। टीम को भारी कीमत चुकानी पड़ी।

खास बात यह है कि वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड (West Indies Cricket Board) ने भी इनका खूब साथ दिया। इसलिए दोषी दोनो है। टीम में सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थित में युवा खिलाड़ियों को शामिल करने से टीम लगातार कमजोर होती चली गई। मैदान पर खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज से कई बार लगा कि खिलाड़ी सुस्त और थके हुए है। ऐसे में टीम जीत की उम्मीद कैसे कर सकती है।
देश से आगे पैसा रखा
वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम (West Indies Cricket Team) और बोर्ड के कारनामों पर नजर डालें तो आप देखेंगे कि इन दोनो ने पैसे को आगे रखा जबकि देश को पीछे। शीर्ष खिलाड़ियों को बचाए रखने में दिलचस्पी तनिक भी नहीं दिखाई। क्वालीफायर मैचों में आंद्रे रसेल, सुनील नारायण और शिमरोन हेतमायर ने सेवाएं क्यों नहीं दी। बोर्ड ने इन्हे पिछले साल जारी 18 सदस्यीय अनुबंध सूची से क्यों बाहर किया। सही बात यह है कि इन सभी ने अपनी मर्जी से बाहर रहने का फैसला किया।
लेकिन क्या बोर्ड की जिम्मेदारी नही बनती कि जो भी मामले हो उन्हे सुलझाए। टी 20 लीग खेलने के लिए एनओसी क्यों जारी करता है। जाहिर सी बात है खिलाड़ियों को जो पैसा लीग से मिलता है। उसमें बोर्ड का भी कमीशन होता है। ऐसे में क्रिकेट का भला कैसे होगा। खैर जो भी हो वेस्ट इंडीज टीम आज जिस हाशिए पर खड़ी है। उससे तो यही लगता है। एक दिन ऐसा आयेगा कि यह टीम एक भी आईसीसी इवेंट में खेलने के लिए तरसेगी।
Is Cricket Declining in West Indies?
“Yes, it has been a gradual decline. I’ve always said this pre-dates this group of players. We haven’t played consistently good ODI cricket against the top nations for perhaps a decade now. The T20 team, after having been two-time champions, they have slid,” Bishop told ‘ESPN Cricinfo’.
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